Karak kise kahte hain किसी भी तरह के ज्ञान की प्राप्ति हेतु अन्य शब्दों की यह व्यवस्था हमारे द्वारा हिंदी व्याकरण के कई लेख से समाहित रूप को देखकर कई हमने ब्लॉग पर बताए हैं। इन्ही को ध्यान देते हुए यह कारक के बारे में विस्तृत यह पोस्ट मुख्य हैं।
आज हम जानेंगे की कारक के भेद एवं उसे परिभाषा के साथ कारक किसे कहते हैं। का ज्ञान इस POST में जानना आवश्यक सुनिश्चित करें।
[अन्य हिंदी टॉपिक]
सर्वनाम | क्रिया | पद | शब्द शक्ति | शुद्ध वर्तनी
तो अब ऐसे तो कई बातें सामने आती रहेंगी लेकिन अब समय को बर्बाद किए बिना हम यह पोस्ट को प्रारंभ करें।
Table of Contents
कारक किसे कहते हैं – Karak kise kahte hain
परिभाषा Defination: किसी वाक्य एन भीतर आने पर संज्ञा जैसे शब्दों का परस्पर संबंध निर्धारित बताए, कारक कहते हैं।
किसी भी वाक्य या वाक्यांशों में क्रियाओं को अकेले संज्ञा शब्दों से संबंध दर्शाने वाले शब्दों को कारक कहते हैं।
संज्ञा और क्रियाओं के मध्य व्याकरण की मुख्य कड़ी या कोटी को कारक बोलते हैं। जैसे: श्वेता ने गाड़ी चलाई।
उदाहरण में करता वाक्य में श्वेता चलाने की क्रिया कर रही लेकिन गाड़ी का कर्म कारक हैं।
इसे भी पढियें: | काल किसे कहते हैं? |
कारक के भेद Karak ke bhed
Karak ke bhed का हम विस्तार से भी ज्ञान प्राप्त करेंगे लेकिन उन सभी आठ भेदों के नाम पहले हम नीचे तालिका के तहत क्रम से जान लेते हैं-
1. | कर्ता | [ने], |
2. | कर्म | [को], |
3. | करण | [से, के द्वारा, के साथ], |
4. | संप्रदान | [को, के लिए], |
5. | अपादान | [से (अलग होने का सूचक)], |
6. | संबंध | [में, पर], |
7. | अधिकरण | [का, की, के, रा, री, रे, ना, नी, ने], |
8. | संबोधन | [अरे, अरी, रे, ओ, हे, री], |
कर्ता कारक
कर्ता शब्द का मतलब है: करने वाला
या
वह ऐसा रूप जिससे क्रिया को करने वाले का ज्ञान या बोध हो, वह कर्ता कारक है। कर्ता कारक के लिए विभक्ति चिन्ह: ने
“ने” चिन्ह का वर्तमान समय और भविष्य के समय में प्रयोग नहीं किया जाता। इसका सकर्मक धातुओं हेतु समान्यत: भूतकाल में ज्यादा उद्देश्य है।
इसे भी पढियें: | (संधि और समास) & (नाटक और एकांकी) में अंतर |
जैसे- भगवान शिव ने ब्रह्मा का शीश काटा।
उदाहरण वाक्य में क्रिया का असर करता भगवान शिव है। यहां ‘ने’ करता कारक का विभक्ति चिन्ह जो इस वाक्य में मारा भूतकाल की क्रिया का प्रदर्शन हो रहा हैं।
कर्म कारक
क्रिया जिसका कार्यफल जिस पर पढ़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं. यह चिन्ह कर्क “को” प्रदर्शन होता है। यह किसी किसी जगह या कुछ स्थानों पर अनुपस्थिति दर्शाता हैं। उदाहरण:1. अर्जुन ने करण को मारा।
उदाहरण में दर्शाएं अनुसार मारा जैसी क्रिया उबलद्भ है जिसमे कर्म करण दर्शाता हैं। क्योंकि मरने की क्रिया का फल करण के समक्ष प्रस्तुत हैं। इसके लिए करण कर्म कारक हैं।
2. श्वेता ने पत्र लिखा!
वाक्य उदाहरण प्रस्तुत करता है लिखने को क्रिया का फल पत्र पड़ रहा है। इसके कारण कर्म कारक है। जिसमे कर्म चिन्ह को लुप्तता प्रदर्शन करता हैं।
करण कारक
जिस निर्जीव संज्ञा शब्द का प्रयोग जिस वाक्य क्रिया को संचालित करने में जो साधन रूप करते हैं। उसे संज्ञा करण कारक कहते हैं। जिसका चिन्ह “से” के “द्वारा” प्रस्तुत हैं। उदाहरण :1. राजमहल में चोर को कोड़े से मारा।
उदाहरण में दिखाए के वाक्य में करता राजमहल में चोर को कोड़े से करने की क्रिया संपन्न हैं, इसलिए कोड़े से करण कारक हैं।
2. श्वेता खिलौनों से खेल रही है।
उदाहरण क्रमांक 2 के तहत करता श्वेता खिलौनों से खेलने की क्रिया संपन्न कर रही है। इसलिए ‘खिलौनों से ‘ करण कारक को उदाहरण प्रस्तुति है।
संप्रदान कारक
संप्रदान का मतलब है (देना) , अर्थात की कर्ता हेतु कुछ कार्य करता है, या जिसे कुछ देता या जैसा भाव आए। संप्रदान कारक हैं। संप्रदान कारक का चिह्न (के लिए) को हैं। उदाहरण: नौकरी के लिए प्रयास कर रहा है।
उदाहरण वाक्य में (नौकरी के लिए) वह कार्य कर रहा है । अत: वाक्य में “अपनों के लिए” संप्रदान कारक का बोध है।
अपादान कारक
जब VAKYA की किसी संज्ञा के क्रिया के तहत अलग होने / तुलना होने / दूरी होने का भाव आए, वहां अपादान कारक है। अपादान कारक का चिह्न (से) है। उदाहरण : नाव से नाविक गिरा।
इस वाक्य में नाव से नाविक का गिरना ये बताता है। कि नाव से नाविक अलग हुआ (कुछ दूर हुआ) है ।
अर्थात ऊपर के वाक्य में (नाव से) अपादान कारक है।
इसे भी पढियें: | लिपि किसे कहते हैं? |
संबंध कारक
शब्द के जिस दर्शन वाक्य से किसी एक वस्तु का दूसरी वस्तु से संबंध या रिश्ता दर्शाया गया हो, उसे संबंध कारक कहते हैं। संबंध कारक का चिह्न /का , के , की , रा , रे , री/ है। उदाहरण: लव राम का बेटा है।
उदाहरण वाक्य में “राम का बेटा” से संबंध प्रकट हो रहा है। इसलिए यहाँ संबंध कारक है।
अधिकरण कारक
शब्द के जिस दर्शन से क्रिया के आधार या अधिकरण का बोध होता है, वह अधिकरण कारक कहलाता हैं। अधिकरण कारक का चिह्न “में” , “पर” हैं। उदाहरण बैग में बुक रखी हैं।
उदाहरण वाक्य में बैग में रखने की क्रिया आधार दर्शाने के पता चल रहा है। बैग में अधिकरण कारक है।
संबोधन कारक
जिससे वाक्य में किसी को बुलाने / सचेत करने की भावना का बोध प्रकट हो। वह संबोधन कारक है। इसमें संबोधन चिह्न ( ! ) लगाया जाता है।
अरे मित्र ! क्यों रो रहे हो?
हे भगवान! यहाँ आओ।
समापन: कारक किसे कहते हैं। कारक के भेद या प्रकार परिभाषा उदाहरण सहित हमारी टीम में आपके लिए खोज कर हर संभव हिंदी व्याकरण की जानकारी खोज की हैं। आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करके हमें बताएं और इसके लिंक को फेसबुक व्हाट्सएप पर शेयर अवश्य करें।