सर्वनाम किसे कहते हैं

सर्वनाम किसे कहते हैं Sarvanam kise kahate hain

Sarvanam kise kahate hain – सर्वनाम ( Pronoun ) परिभाषा : सब नामों ( संज्ञाओ ) के बदले जो नाम या शब्द आए, वह सर्वनाम है। सिंपल भाषा में, संज्ञा के स्थान पर या संज्ञा के बदले प्रयुक्त होने वाले शब्दों को ही हम, सर्वनाम कहते हैं । जैसे · #मैं , #तू , #वह , #यह , #हम , #तुम इत्यादि, सर्वनाम शब्द (Pronoun Words) हैं।

सर्वनाम यानी (सर्व + नाम) का शाब्दिक अर्थ है — सब का नाम । ये शब्द किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयुक्त न होकर सभीके द्वारा प्रयुक्त होते हैं, तथा किसी एक व्यक्ति विशेष का नाम न होकर “सब का नाम” होते हैं ।

संज्ञा, जहाँ केवल उसी नाम का बोध कराती है, जिसका वह नाम है। वहाँ [Sarvnam] से केवल एक के ही [Naam] का नहीं। सभी के नाम का बोध होता है।

जैसे कि “प्रज्ञा” कहने से, केवल इस नाम लड़की का बोध होगा, किंतु यदि Vaishali , Jivan , Kanak , Ram सभी अपने हेतु , “मैं” का प्रयोग करते हैं, तो “मैं” इन सबका नाम होगा।

[ProNoun] सर्वनाम किसे कहते हैं? What is ProNoun In Hindi.

उदाहरण “मैं” का इस्तेमाल सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं, अतः “मैं” किसी एक व्यक्ति का नाम न होकर सबका नाम अर्थात् सर्वनाम है।

इसी तरह #बोलने-वाले अनेक “नामों” के बदले “तुम या आप” और #सुनने-वाले अनेक नामों के बदले “वह या वे” का Prayog करते है।

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आपको बता दे की, हिंदी भाषा [Hindi Language] में मूल सर्वनाम ग्यारह हैं; जैसेकी – #मैं, #तू, #आप, #यह, #वह, #कौन, #क्या, #जो, #सो,#कोई, #कुछ]

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अब भेद सर्वनाम के जाने Sarvanam kise kahate hain

प्रयोग की अनुसार, सर्वनाम [Pronoun] के छ: प्रकार के भेद हैं!

  • पुरूषवाचक: [#मैं, #तू, #वह, #हम, #मैंने],
  • निश्चयवाचक: [#यह, #वह],
  • निजवाचक: [#आप],
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम: [#कौन, #क्या],
  • संबंधवाचक: [#जो, #सो],
  • अनिश्चयवाचक: [#कोई, #कुछ]।
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छः सर्वनाम के भेदों पर विस्तृत चर्चा नीचे हैं:
1] पुरुषवाचक सर्वनाम– जो पुरुषों (पुरूष अथवा स्त्री) के नाम के बदले या स्थान पर आते हैं, पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं।> 1} उत्तम पुरुष ,2} मध्यम पुरुष ,3} अन्य पुरुष ।
उत्तम पुरुष: मैं , मेरा , हम , हमारा , मैंने , मुझे , हमने , मुझको!
मध्यम पुरुष: तु , तुमने , तुम , तुम्हें , तुझे , तुमको , तुमसे , तूने , आपको , आपने!
अन्य पुरुष: वह , यह , इन , उन , वे , ये ,उनको , उनसे , इन्हें , उन्हें , इससे , उसको!

 

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2] निश्चयवाचक सर्वनाम– निकट या दूर की वस्तुओं या फिर व्यक्तियों हेतु जो निश्चयात्मक संकेत जिन शब्दों से व्यक्त किए जाते है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे — ये , वे , वह , यह
उदाहरण:
a) यह दरवाजा है,      b) वह उनकी पत्नी हैं।
c) ये मेरी वेबसाइट हैं। d) वे जा रहे हैं।
e) तुम्हे यह पसंद है?   f) ये क्या चीज हैं?

 

3] अनिश्चयवाचक सर्वनाम– जिन सर्वनामों से किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं हो पाता है, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम बोलेंगे । जैसे- कोई , कुछ ।
उदाहरण:
a) कोई भी देखा सकता हैं। b) ये कुछ पैसे हैं।
c) कुछ देर से आ जाना।     c) यहां कोई है क्या?

कभी≈कभी कुछ शब्द के समूह भी अनिश्चय_#सर्वनाम के जैसे में उपयोग में लाते हैं!
जैसे— कुछ न कुछ , कुछ – कुछ , कोई न कोई , हर कोई , सब कुछ , कुछ भी ,

 

4] संबंधवाचक सर्वनाम– जिस सर्वनाम शब्दों से किसी अन्य सर्वनाम से संबंध स्थापित किया जाय , उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे> जो-सो , जैसा-वैसा।
उदाहरण:
a)जो जागेगा सो पावेगा।   b) जो सोवेगा सो खोवेगा।
c)जैसी करनी वैसी भरनी। d)जैसा बोओगे वैसा काटोगे।

 

5] प्रश्नवाचक सर्वनाम– प्रश्न करने हेतु प्रयुक्त में आने वाले वाले सर्वनाम शब्दों को, प्रश्नवाचक सर्वनाम बोलेंगे।जैसे कौन, क्या, कब, कहाँ आदि!
उदाहरण:
a)तुम्हें क्या चाहिए?      b)तुम-कौन हो?
c) आपने क्या देखा है?  d) देखो तो कोई आ रहा क्या?
e) दही से कहां रखा है।  f) घर कब आओगे।

 

6] निजवाचक सर्वनाम– निजवाचक सर्वनाम के मतलब है – “आप” । यह “अपने आप के लिए” , “स्वयं” , “स्वतः” , “खुद के लिए” इस्तेमाल होता हैं। जैसे —
a) यह कार्य मैं “आप” ही कर लूंगा ।
b) मैं अपना घर को स्वयं ही खरीद लूँगा।
c) मैं ट्रेन अपने आप ही सीख लूँगा।

ध्यान रहे कि यहाँ प्रयुक्त आप अपने स्वयं हेतु प्रयुक्त है, जो कि पुरुषवाचक मध्यम पुरुष आदरसूचक Sarvanam “आप” से अलग है ।
ऊपर के वाक्यों में वक्ता ने अपने स्वयं के लिए स्वयं Or अपने आप शब्दों का प्रयोग कामों को खुद से जोड़ने के लिए किया।

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जहाँ आप शब्द का Prayog श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यमपुरुष होता है। और जहाँ आप शब्द का Upyog अपने खुद स्वयं के लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।

तो चलिए दोस्तो आपने जो ऊपर सभी सर्वनाम के भेदों को पढ़ा उन्हे हमने नीचे एक विशेष तरह से एक नजर डालने हेतु रचे है जो आपका रिविजन करवाने हेतु प्रोत्साहित है।

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एक नजर में : “सर्वनाम का सार”
पुरुषवाचक
> उत्तम पुरुष: मैं, #हम , हम-लोग
> मध्यम पुरुष: तू , तुम , आप , आपलोग , तुमलोग
> अन्य पुरुष: यह , ये , वे लोग , वह , वे , ये लोग

निश्चयवाचक
> निकटवर्ती: यह , ये ,
> दूरवर्ती: वह , वे ,

अनिश्चयवाचक
> प्राणि बोधक: कोई
> वस्तु बोधक: कुछ

सम्बन्धवाचक
> जो , सो

प्रश्नवाचक
> प्राणि बोधक: कौन , कौन-कौन
> वस्तु बोधक: क्या , क्या-क्या

निजवाचक
>आप

 

विशेष सूचना : जब भी “वह” , “यह” , “कुछ” , “कोई” , “जो” , “सो” सिर्फ अकेले किसी वाक्य में आते हैं, तो वे सर्वनाम ही होते हैं, और “जब किसी संज्ञा के साथ में आते हैं तो वे विशेषण हो जाते हैं।” हम एक उदाहरण से समझते हैं।

जैसे
यह जा रही है। ( यहाँ “यह” सर्वनाम है.)
यह बंदूक चालू है। ( यहाँ “यह” विशेषण है.)

 

Sarvanam के विकारी रूप> विभिन्न कारकों में prayukt होने पर सर्वनाम (ProNoun) शब्दों के जैसे परिवर्तित हो जाते हैं। आपको बता दे की सर्वनाम का प्रयोग किसी भी सम्बोधन में नहीं होता। इसके विभिन्न विकारी रूप हैं> मैंने , मुझको , मुझसे , मेरा , हमारा , हमने , हमको , हमसे , इसने , इसको , किसको , तुझे , तुम्हारा , तुमसे , उसने , उसको , तुमने , तुमको , आपने , आपको इत्यादि ।

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आइए अब हम सर्वनाम का पद परिचय देखे लेते हैं।
सर्वनाम (ProNoun) का पद परिचय> किसी वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम का पद – परिचय देने हेतु पहले सर्वनाम का भेद , वचन , लिंग , कारक एवं अन्य पदों से उसका संबंध बताना पड़ता है । आइए एक उदाहरण पर नजर डालें!
जैसे–
a) मैं बुक पढ़ता हूं।
मैं— सर्वनाम , पुरुषवाचक , उत्तम पुरुष , एकवचन , पुलिंग , कर्ता कारक , “पढ़ना” क्रिया का कर्ता।
b) कॉफी में कुछ पड़ा हैं।
कुछ— सर्वनाम , अनिश्चयवाचक , एकवचन , पुलिंग कर्मकारक , “पड़ा” क्रिया का कर्म ।

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