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भावार्थ किसे कहते हैं BHAVARTH KISE KAHATE HAIN
आप जानेंगे कि भावार्थ किसे कहते हैं (BHAVARTH KISE KAHATE HAIN). एवं इसकी परिभाषा के साथ अन्य विशेष बाते जो आपको बहुत अच्छी लगने वाली है। और इससे संबंधित मजेदार बाते हमने लेख के अंतिम बिंदुओ में विशेषकर बताया हैं।
भावार्थ की परिभाषा! BHAVARTH KI DEFINATION
आपको बता दें कि जिस प्रकार सारांश होता हैं उसी प्रकार भावार्थ का भी अपना एक विशेष स्थान हिंदी में रहा हैं। यह मूल अवतरण के लिए छूटा स्वरूप है पर भावार्थ की बात करे तो इसे लिखने को कला सारांश की कला से अलग हैं। आपको बता दें कि मुख्यत: भावार्थ की यह विधि गागर में सागर को सामने जैसी क्रिया होती हैं।
यह आपको आपके मुख्य भाव नही छूटने चाहिए। एवं छोटे स्वरूप में लिखने चाहिए। इसके तहत किसी विधा को ज्यादा बढ़ा कर नही बल्कि मुख्य भाव पर ध्यान केंद्रित कर लेखन कार्य सिद्ध करना उस हेतु उचित हैं।
जैसे को बहले ही बताया हैं कोई सीमा भावार्थ हेतु लम्बाई-चौड़ाई व्यक्त नही कर सकती वल्कि आशय यह होना चाहिए की कम से कम मूल अवतरण आधा अवश्य हो। प्रधान एवं मूल भाव गौण भाव मुख्य रूप से होने चाहिए।
भाषा शैली में सरलता एवं स्वयं की हो तो सारांश केवल मुख्य भाव रखता हैं, बल्कि भावार्थ के तहत छोटे छोटे प्रसंगों में भावों की प्रधानता बनी रहती हैं। आपको यह बता दें को भावार्थ मुख्य रूप से सारांश और व्याख्या के मध्य की विशेष कड़ी हैं।
आपके लिखे इससे संबंधित मुख्य कथन ”भावार्थ संक्षिप्त एवं स्पष्ट हो। यह व्याख्या के जैसा नहीं होना चाहिए। पर केवल अन्वयार्थ को भी भावार्थ नहीं जानना चाहिए।”
इस संबंधित में तीन कथन स्पष्ट हैं 1. भावार्थ संक्षिप्त रूप से हो। 2. व्याख्या के रूप में न होकर कम शब्दों में। 3. भावार्थ में अन्वयार्थ भी न हो। |
संक्षिप्तता, भावार्थ (BHAVARTH) हेतु प्राथमिक विशेष हैं। आपको दोबारा बता दें कि भावार्थ जो हैं, वह संक्षेपण न होकर इससे अलग हैं।
भावार्थ के लिए जरूरी निर्देश जानें – भावार्थ कैसे लिखे
BHAVARTH KAISE LIKHEN! भावार्थ हेतु हमें निम्न कुछ बाते बताई है जिन्हे हमारी भाषा में आपको सरल करके बताया हुआ हैं।
1. मूल अवतरण अच्छे से पढ़ना एवं विचारों का रेखांकित दर्शन हेतु व्यर्थ बातों के साथ अन्य व्यर्थ शब्दों को हटाना सुनिश्चित करे।
2. निरर्थ बातों अथवा शब्दों को हटाएं।
3. सिर्फ सार्थक वाक्यों के लिए रेखांकित वाक्यों और शब्दों को मिलाइए। खाली जगह को पूर्ति करते समय बाहरी शब्दों को जोड़िए। ऐसे करते करते पूरे भावार्थ हेतु एक अच्छी रूपरेखा बनाइए।
4. इसमें व्याख्या जैसे लंबाई के साथ लिखने की कोई जरूरत नही हैं। एवं वाक्यों को विस्तार करने या बड़ी टिप्पणी करने को कोई जरूरत नही हैं।
5. भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए। जिससे मूल अवतरण शब्दों का ऐसे वैसे अपेक्षित नही हैं।
6. बड़े आलंकारिक वाक्य एवं शब्दों का या कठिन भाषा का उपयोग नही करना चाहिए।
7. भावों के पद का अनवर भावार्थ नही होना चाहिए। समूचे अवतरण को जानने हेतु सोचना जरूरी हैं। एवं मूल भावना के महत्व एवं आवश्यक भाव जरूरी हैं। कोई विशेष विचार छूटने पर उसे अच्छे से सजाना जरूरी हैं।
हमरा इससे तात्पर्य है को गद्यांश अथवा पद्यांश के मुख्य विचार या भावों का संक्षेप, सरल शैली, लिखने के प्रयास को ही भावार्थ कहते हैं। इसमें बढ़ा चढ़ाकर विशाल टिप्पणी की जरूरत नही रहती हैं। किसी परीक्षा में अभ्यर्थी द्वारा सरल एवं आसन शब्दों में छोटा लिखा जाना जरूरी हैं। किसी बात को ज्यादा विशालता से बढ़ाने का अधिकार किसी की नही हैं। |
आपके लिए एक काल्पनिक उदाहरण जिसका किसी अन्य जगह से कोई ताल्लुक नहीं नहीं।
भावार्थ का उदाहरण – भावार्थ example
उदाहरण : एक व्यक्ति मिट्टी के खिलौने बनाता है। खिलौनों को मार्केट ले जाता हैं। लेकिन दिनभर परेशान होता है फिर भी कोई खिलौने नही बिकते। उसे खाली हाथ घर लौटना पढ़ता हैं। उसका लड़का उस व्यक्ति को दरवाजे बार आते ही उसके पास आकर उसकी गोदी में बैठ जाता हैं। लेकिन उसके पर कुछ पैसे नही रखते हैं किस वो उस बच्चे के लिए मार्केट से कुछ ले कर आ पाया। वह मन ही मन सोचता हैं को दुनिया में इतने धनवान लोग है लेकिन कुछ ऐसे भी है जिन्हे खाने तक के लिए दाने नही। कुछ लोग मखमल के गद्दे पर सोते है तो कुछ को घास की चादर भी नसीब नही होती।
भावार्थ – आज के समय में पूँजीवाद के प्रकोप दिखाई देने लगा हैं। कुछ लोग सुखी जीवन जी रहे तो कुछ के पास खाने को अन्न नही। इस बनावटी दुनिया में कलाकार के बनाए खिलौने की कोई कीमत नहीं। व्यक्ति भूखा रहता है और बच्चो के कुछ दे भी नही सकते।
समापन – भावार्थ हेतु बनाया गया यह POST जिसमे बताया था भावार्थ किसे कहते हैं। इसकी परिभाषा इन हिंदी के साथ उदाहरण। यदि POST अच्छा लगा हो तो अन्य संबंधित मजेदार पोस्ट अवश्य पढ़ें और मुख्य पृष्ट तक पहुंचे एवं नई पोस्ट पाएं।