(उपन्यास और कहानी) & (जीवनी और आत्मकथा) में अंतर

HINDIZY.COM की टीम अपने रीडर्स के लिए नए नए तरीके में लेख को लाने के लिए बहुत उत्सुक रहती है । इसी श्रेणी में आज हम अपने लिए उपन्यास और कहानी (UPANYAS OUR KAHANI) में अंतर वाले पेज के साथ जीवनी एवं आत्मकथा में अंतर वाले पेज को दोनो को कंबाइंड करके एक साथ आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं । जो अन्य किस वेबसाइट या पेज पर नही मिलेगा ।

आप आपको बताए हुए खुशी होती है, की हिंदी व्याकरण के कई पेज हमारे ब्लॉग वेबसाइट पर से लोगों को बहुत पसंद आ रहे है ।

और वे अच्छे कॉमेंट भी छोड़ कर जा रहे है, आप भी अपने विचार जिस उपन्यास और कहानी & जीवनी और आत्मकथा (JIVANI AUR ATMAKATHA) में अंतर वाले पेज को पढ़ने के बाद कमेंट बॉक्स में लिख सकते है ।

[हिंदी अध्याय]

उपसर्ग | समास | रस | तत्सम शब्द | शब्द

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लेख के क्रम को आगे बढ़ाए उससे पहले आपको बता दें की अब लेख कुछ ही शब्दों के बाद प्रारंभ होने वाला है ।

उसमे हम पहले उपन्यास और कहानी के अंतर फिर जीवनी और आत्मकथा में अंतर बताने वाले हैं ।

जो आपको मुख्य रूप से अंत तक पड़ने के बाद अपने दोस्तो को भी शेयर करने को चेष्टा करनी चाहिए ।

उपन्यास और कहानी & जीवनी और आत्मकथा में अंतर

तो अब किसी भी तरह के में शब्दों में समय गवाएं, हम पेज पर आगे बढ़ते है ।

उपन्यास और कहानी में अंतर Upanyas our kahani mein antar

उपन्यास किसे कहते हैं; उपन्यास शब्द 1. उप नाम के उपसर्ग एवं 2. न्यास पद से जुड़कर निर्मित है । इन दोनो शब्दों में उप का मतलब समीप । एवं न्याय का मतलब रखना स्थापित रखना अथवा निकट रखी हुई वस्तु है ।

स्पष्ट है की, वह वस्तु / कृति जिसको पढ़कर पाठक को ऐसा लगे, के यह उसी की है, उसी के जीवन की कथा, उसी की भाषा मे कही गई हैं, ।

उपन्यास मनुष्य सजीव जीवन काल की काल्पनिक कथा हैं ।

प्रेमचंद के अनुसार; (मैं उपन्यास को मानव जीवन का चित्रमात्र समझता हूँ ।

मानव चरित्र पर प्रकाश डालना और उसके रहस्यों को खोलना, उपन्यास का मूल तत्व है ।)

कहानी किसे कहते हैं; हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा, कहानी है ।

19 वीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास एवं प्रचालन हुआ, जिसे कहानी कहा गया एवं उसे समझा गया ।

गल्प के नाम से बंगला में प्रचलित हुई ।

इंग्लिश से हिंदी तक की यात्रा कहानी ने बंगला के माध्यम से की ।

मनुष्य के जनम के साथ ही साथ कहानी का भी जनम हुआ, ओर कहानी कहना और सुनना मानव का आम स्वभाव रूप से प्रचालन रहा है ।

यह कारण रहा है की प्रत्येक सभ्य व असभ्य समाज में कहानियाँ अवश्य पाई जाती हैं ।

हमारे पूरे देश भर में कहानियों का विशेष महत्व, बड़ी लंबी एवं सम्पन्न परंपरा रही है ।

कहानी की परिभाषा; एक रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मन की भावनाओं एवं विचारों को प्रदर्शित करना, लेखक का उद्देश्य रहता है ।

उसके चरित्र , शैली , कथा विन्यास , सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं ।

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उपन्यास और कहानी में अंतर बताइए Upanyas our kahani mein antar

उपन्यास और कहानी में अंतर की खोज को अब हम नीचे तालिका में अंतर बता रहे हैं ।

  • 1. कथा साहित्य में विशेष स्थान रखने वाली ये दोनों विधाएं अलग अलग वैविध्य रखते हैं, दोनों का भिन्न भिन्न अस्तित्व है ।
  • 2. उपन्यास कहानी की तुलना ने बहुत विस्तृत होता हैं ।
  • 3. कहानी को उपन्यास के लघु स्वरूप भी बुला जा सकता ।
  • 4. कहानी संकुचित स्वरूप में किंतु उपन्यास का वर्ण्य क्षेत्र विशाल हैं ।
  • 5. उपन्यास का वर्णन विशाल एवं विस्तृत ज्ञान दर्शाता है । लेकिन कहानी में ऐसा नही ।
  • 6. कहानी को एक बैठक में समाप्त की जा सके इतना बढ़ा बनाया जाता है, किंतु उपन्यास की कोई समय सीमा नही हैं ।
  • 7. कहानी जीवन की छोटी से झलक लेकिन उपन्यास जीवन समग्र विस्तृत चित्रण उपस्थित रहता है ।
  • 8. कहानी में कथानक भी हो सकता है और नही भी, केवल भाव मात्र को पूरा करना लक्ष्य है ।
  • 9. उपन्यास मुख्य कथा के साथ अन्य की छोटे छोटे पात्र प्रसंग से बना होता है । लेकिन कहानी में ऐसे मुख्य नही हैं ।

ऊपर अपने उपन्यास एवं कहानी के बारे में जानकारी एवं संबंधित अंतर को पढ़ा ।

अब हम आगे पेज पर पढ़ते हुए,

अगले दो मुख्य हिंदी व्याकरण में अंतर रखते वाले टॉपिक को जो जीवनी और आत्मकथा में अंतर को आगे नीचे पढ़ते हैं ।

>>> रस किसे कहते हैं स्थाई भाव

जीवनी और आत्मकथा में अंतर Jivani aur atmakatha mein antar

  • 1. दोनो में ही किसी व्यक्ति के प्रासंगिक और चरित्र का विवरण होता है पर यदि लेखक खुद के जीवन की जानकारी दे तो आत्मकथा कहते है, और यदि लेखक दूसरों के जीवन पर लिखे वह जीवनी हैं ।
  • 2. जीवनी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा लिखा गया जीवन चरित्र विस्तृत विधा है । आत्मकथा स्वयं द्वारा ।
  • 3. आत्मकथा में स्वयं विशेष द्वारा लिखी जताया है इसलिए लेखक तथ्यों एवं अपनी सोच एवं समझ से पाठको तक जीवन चरित्र पहुंचता है । लेकिन जीवनी को कई भिन्न भिन्न मध्य से जानकारी एवं तथ्यों के मिलाकर एवं एकत्र करके तैयार किया जाता हैं ।
  • 4. जीवनी में सिर्फ अनुमति विश्वास से आज्ञा के संबंध ने लिखी जाती है इसलिए इसमें गलतियां होने को संभावना हो सकती है । किंतु आत्मकथा स्व लिखित इसलिए गलतियों के समस्या एवं उन्हें किसी भी प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं है ।
  • 5. जीवनी को लिखने का मुख्य उद्देश्य पाठकों तक जीवन के संबंध में घटनाओं एवं ज्ञान को पहुंचाना लेखिन आत्मकथा को व्यक्ति स्वयं के लिए लिखता हैं एवं अनुभव इन उपलब्धियों को लोगों तक व्यक्त करता हैं । ….और पढ़ें

नाटक एवं एकांकी में अंतर 

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इसे भी पढियें:अलंकार किसे कहते हैं?

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