- आगत — अनागत | आगम — लोप
- अग़्नि — जल | अग्र — पश्च
- प्रयोग — अप्रयोग | प्रलय — सृष्टि
- वक्र — ऋजु | वक्र — सरल
- थोड़ा — बहुत | दंड — पुरस्कार
- सभ्य — निर्भय | सभ्यता — बर्बरता
- जड़ — चेतन | जनता — सरकार
- उन्मूलन — रोपण | उपकार — अपकार
- जागृति — सुषुप्ति | जाग्रत — सुप्त
- फूट — मेल | फूलना — मुरझाना
- दृश्य — अदृश्य | देय — अदेय
- अवर — प्रवर | अवरोह — आरोह
- मनुष्यता — पशुता | मरण — जीवन
- सचेत — अचेत | सच्चरित — दुश्चरित
- ग्रस्त — मुक्त | ग्रहण — त्याग
- सामायिक — असामयिक | सामिष — निरामिष
- अवनि — अम्बर | अवनि, पृथ्वी, भू, — अम्बर, आकाश, नभ
- पुरुष — कोमल | पुरुष — स्त्री
- लचीला — कठोर | लचीलापन — कड़ापन
- नम — शुष्क , खुश्क | नमक हराम — नमक हलाल
- झोपड़ी — महल | ठंडा — गर्म
- अग्रिम — अन्तिम | अघ — अनघ
- आदर्श — यथार्थ | आदान — प्रदान
- अन्धकार — प्रकाश | अपकार — उपकार
- निर्लज्ज — सलज्ज | निशीथ — मध्याह्र
- राचीन — नवीन | राजतंत्र — प्रजातंत्र
- गठीला — ढीला | गड़ना — निकलना
- दुःशील — सुशील | दुत्कार — स्वागत
- योतिर्मय — तमोमय | यौवन — बुढ़ापा
- अनंत — अंत | अनभिज्ञ — अभिज्ञ
- सुगम — दुर्गम | सुजन — दुर्जन
- कर्ज़दार — महाजन | कर्ण कटु — कर्ण प्रिय
- घाटी — पर्वत | घात — प्रतिघात
- चय — अपचय | चर — अचर
- विपन्न — सम्पन्न | विभक्त — अविभक्त
- ओछा — गंभीर | ओज — ओजहीन
- रागी — विरागी | राची — प्रतीची
- भोगी — योगी | भोग्य — अभोग्य
- शुक्ल — कृष्ण | शुचि — अशुचि
- आतुर — शांत | आत्मा — पपरमात्मा
- वैतनिक — अवैतनिक | वैमनस्य — सौमनस्य
- सुगंध — दुर्गंध | सुगंध — दुर्गन्ध
- उषा — संध्या | उषा — सौम्य
- करीना — बेढंग | करीबी — दूर के
- हानि — लाभ | हार — जीत
- श्रध्दा — अश्रधा | श्रव्य — दृश्य
- चिर — अचिर | चिर — नवीन , अचिर
- धृष्ट — विनीत | ध्वंस — निर्माण
- काला — गोरा | किनारा — बीच
- अवलम्ब — निरालम्ब | अश्रु — हास
- सुभग — दुभग | सुभग — दुर्भग
- राह्म — त्याज्य | रिक्त — पूर्ण
- ललकार — पुकार | ललकारना — पुकारना
- बहार — पतझड़ , खिजान | बहिरंग — अन्तरंग
- आध्यात्मिक — भौतिक | आना — जाना
- अधिकारी — अनाधिकारी | अधुनातन — पुरातन
- भूगोल — खगोल | भूत — भविष्य
- रंगीन — बेरंग | रंगीन — रंगहीन
- विशिष्ठ — साधारण | विशुद्ध — अशुद्ध
- ज्वार — भाटा | झगड़ा — मेल , मिलाप
- अन्तर्द्वन्द्व — बहिर्द्वन्द्ध | अन्तर्द्वन्द्व — बहिर्द्वन्द्व
- प्यार — घर्णा | प्रकट — गुप्त
- विवाद — निर्विवाद | विवादास्पद — निर्विवाद
- विस्मरण — स्मरण | वीर — कायर
- कडाह — कडाही | कड़ाह — कड़ाही
- सित — असित | सुकर — दुष्कर
- आशीर्वाद — अभिशाप | आश्रित — अनाश्रित
- निश्चित — अनिश्चित | निश्चेष्ट — सचेष्ट
- लहँगा — साड़ी | | लहलहाना — मुरझाना
- गौण — प्रमुख प्रधान | गौरव — लाघव
- हर्ष — शोक | हस्व — दीर्घ
- जागरण — निद्रा | जागरूक — उदासीन
- लम्बा — ठिगना | लम्बाई — चौडाई
- अक्रुर — क्रुर | अक्षम — सक्षम
- पानी — आग | पाप — पुण्य
- मानवता — दानवता | मालिक — नौकर
- निकट — दूर | निगलना — उगलना
- संत — असंत | संतुष्ट — असंतुष्ट
- दुर्दिन — सुदिन | दुर्बल — सबल
- पूर्ववत — नूतनवत | पूर्ववर्ती — परवर्ती
- ढीठ — संकोची | णतंत्र — राजतंत्र
- विश्लेषण — संश्लेषण | विश्वास — अविश्वास
- गमन — आगमन | गम्भीर — वाचाल
- खुश — नाखुश , गमगीन , दुखी | खुशकिस्मत — बदकिस्मत
- कटु — मधुर | कटुक्ति — सूक्ति
- क़ानूनी — गैरकानूनी | कान्त — कांता
- निर्दोष — सदोष | निर्धन — धनी
- वसंत — पतझड़ | वसंत — पतझर
- प्रशंसा — निन्दा | प्रश्न — उत्तर
- फैला — सिमटा | बंजर — उर्वर
- लक्षित — अलक्षित | लक्षितार्थ — अभिधार्थ
- गृहीत — त्यक्त | गेय — अगेय
- अर्वाचीन — प्राचीन | अल्प — अधिक
- लघुशंका — दीर्घशंका | लचक — कठोरता
- स्त्री — पुरुष | स्थावर — जंगम
- उत्तर — दक्षिण | उत्तरायण — दक्षिणायन
- लक्ष्य — अलक्ष्य | लखपति — खाकपति
- उपजाऊ — बंजर | उपजीव्य — उपजीवी
- विशुद्ध — दूषित | विशेष — सामान्य
- प्रात: — सांय | प्रारंभिक — अंतिम