वाक्य के भेद | vakya ke bhed

वाक्य किसे कहते हैं वाला एक लेख हमारी वेबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है। लेकिन फिर भी आप लोगों के कॉमेंट को ध्यान में रखकर आज वाक्य के भेद vakya ke bhed से संबंध रखने वाले इस पोस्ट का शुभारंभ कर रहे हैं।वाक्य के भेद ! vakya ke bhed

आपको इसमें भेद जानेंगे वाक्य के और इसके अलावा रिलेटेड FAQs भी जानेंगे।

वाक्य के भेद ! vakya ke bhed

वाक्य के भेद कितने प्रकार के है।

1. अर्थ के आधार 2. रचना के आधार

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
1. विधान वाचक
2. इच्छावाचक
3. संकेतवाचक
4. प्रश्नवाचक
5. निषेधवाचक
6. आज्ञावाचक
7. विस्म्यादिवाचक
8. संदेहवाचक।

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रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के तहत वाक्य के निम्नलिखित तीन प्रकार के भेद होते हैं
1] सरल, 2] संयुक्त, 3] मिश्रित/मिश्र वाक्य

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FAQs

वाक्य की परिभाषा

दो या दो से ज्यादा शब्दों के मेल से किसी समूह का निर्माण हो उसे वाक्य कहते हैं।

सरल वाक्य किसे कहते हैं

वे वाक्य जिनमें एक ही विधेय होता है। वाक्य सरल वाक्य कहते हैं। इसे साधारण वाक्य भी बोलते हैं। इसे वाक्यों में एक ही प्रकार की क्रिया होती है।

संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं

वे vakya जहां दो या दो से अधिक सरल वाक्य समुच्चय-बोधक अव्ययों से जुड़े होते हैं। संयुक्त वाक्य है।

संयुक्त वाक्य के उदाहरण

सुधीर सुबह गया और दोपहर को लौट आया।
धर्म का साथ दो, अधर्म का नहीं।

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निष्कर्ष

आज अपने यह वाक्य के संबधित भेद और अन्य ज्ञान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त अन्य कोई सवाल दिमान में घूम रहा हो तो कॉमेंट में घुसा दीजिए। हम आपके लिए एक अन्य पोस्ट को नीचे जोड़ रहे है इसे भी पढ़ें – समास के भेद ! samas ke bhed