स्वर किसे कहते हैं

स्वर क्या होते हैं?

स्वर, हिंदी वर्णमाला के वो वर्ण होते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता के किया जा सकता है। स्वर को अंग्रेजी में Vowels कहा जाता है। हिंदी में कुल 11 स्वर हैं:

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स्वर के प्रकार:

  1. ह्रस्व स्वर: जिन स्वरों का उच्चारण कम समय तक होता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ह्रस्व स्वरों के नाम हैं: अ, इ, उ, ऋ, ए, ओ।
  2. दीर्घ स्वर: जिन स्वरों का उच्चारण ह्रस्व स्वरों से दोगुना समय तक होता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वरों के नाम हैं: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, औ।
  3. प्लुत स्वर: जिन स्वरों का उच्चारण दीर्घ स्वरों से तीन गुना समय तक होता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्लुत स्वरों के नाम हैं: ऒ, ऌ, ॎ, ॏ।

स्वर का महत्व:

  • स्वर शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • स्वर शब्दों को अर्थपूर्ण बनाते हैं।
  • स्वर शब्दों के उच्चारण को सुगम बनाते हैं।
  • स्वर भाषा को मधुर और सुंदर बनाते हैं।

उदाहरण:

  •  – मकान, पानी, बड़ा
  •  – हाथी, गाँव, तालाब
  •  – इंसान, किताब, लिखना
  •  – नीलम, सीता, पीना
  •  – उड़ना, कुत्ता, खुला
  •  – ऊँचा, सूरज, दूध
  •  – ऋषि, कृषि, मृत्यु
  •  – खेलना, भेड़, मेरा
  •  – बैल, गैंडा, ऐसी
  •  – घोड़ा, सोना, रोना
  •  – औषधि, मौसम, चौक

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निष्कर्ष:

स्वर हिंदी भाषा के महत्वपूर्ण अंग हैं। स्वर शब्दों के निर्माण, अर्थपूर्ण बनाने, उच्चारण को सुगम बनाने और भाषा को मधुर और सुंदर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।