परिमेय संख्या किसे कहते हैं

परिमेय संख्या: क्या है और कैसे पहचाने?परिमेय संख्या किसे कहते हैं | parimey sankhya kise kahate hain

परिमेय संख्या

परिमेय संख्या वह संख्या होती है जिसे दो पूर्ण संख्याओं के भिन्न के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में, यदि कोई संख्या p/q के रूप में लिखी जा सकती है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं (q ≠ 0), तो वह संख्या परिमेय संख्या है।

उदाहरण:

  • 2/3
  • 5
  • -7/11
  • 0.5 (5/10)
  • 1.25 (5/4)

विशेषताएं:

  • सभी पूर्णांक परिमेय संख्याएँ हैं।
  • सभी दशमलव संख्याएँ जो समाप्त होती हैं या अनंत रूप से दोहराती हैं, परिमेय संख्याएँ हैं।
  • शून्य (0) भी परिमेय संख्या है।

अपरिमेय संख्या:

जो संख्याएँ परिमेय नहीं होतीं, उन्हें अपरिमेय संख्याएँ कहा जाता है।

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उदाहरण:

  • √2
  • π
  • e

परिमेय संख्याओं को पहचानने के तरीके:

  • यदि संख्या को दो पूर्ण संख्याओं के भिन्न के रूप में लिखा जा सकता है, तो यह परिमेय संख्या है।
  • यदि संख्या दशमलव में समाप्त होती है या अनंत रूप से दोहराती है, तो यह परिमेय संख्या है।
  • यदि संख्या को पूर्ण वर्गमूल के रूप में लिखा जा सकता है, तो यह परिमेय संख्या है।

उपयोग:

परिमेय संख्याओं का उपयोग गणित, विज्ञान, इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता है।

निष्कर्ष:

परिमेय संख्याएँ वास्तविक संख्याओं का एक महत्वपूर्ण उपसमुच्चय हैं। इनका उपयोग विभिन्न प्रकार की गणनाओं और समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है।

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अतिरिक्त जानकारी:

  • परिमेय संख्याओं को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: पूर्णांक और भिन्न।
  • पूर्णांक वे परिमेय संख्याएँ हैं जिनका भाजक 1 होता है।
  • भिन्न वे परिमेय संख्याएँ हैं जिनका भाजक 1 से भिन्न होता है।

 

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