अभिलेख : इतिहास के पन्ने
अभिलेख शब्द का अर्थ है “लिखा हुआ” या “अंकित”। यह एक ऐसा लेख होता है जो किसी महत्वपूर्ण घटना, व्यक्ति या जानकारी को स्थायी रूप से दर्ज करने के लिए पत्थर, धातु, मिट्टी या किसी अन्य टिकाऊ पदार्थ पर उत्कीर्ण किया जाता है। अभिलेख प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं और इतिहास के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अभिलेखों के प्रकार:
- शिलालेख: ये पत्थर पर उत्कीर्ण लेख होते हैं जो विभिन्न विषयों, जैसे कि राजाओं के शासनकाल, युद्धों, धार्मिक अनुष्ठानों, दान, आदि के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
- ताम्रपत्र: ये तांबे की प्लेटों पर लिखे गए लेख होते हैं जो अक्सर भूमि दान, राजकीय घोषणाओं या व्यापारिक अनुबंधों से संबंधित होते हैं।
- मुद्राएं: सिक्के भी एक प्रकार का अभिलेख माने जाते हैं, जो राजाओं, शासकों या राजवंशों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
- अन्य: मिट्टी के बर्तनों, स्तंभों, दीवारों, और गुफाओं पर भी लेख और चित्र अंकित किए जाते थे, जो अभिलेखों का ही एक रूप हैं।
अभिलेखों का महत्व:
- इतिहास के स्रोत: अभिलेख प्राचीन काल के इतिहास के बारे में जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इनके माध्यम से हम उस समय की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक स्थिति का अध्ययन कर सकते हैं।
- पुरातात्विक प्रमाण: अभिलेख पुरातत्वविदों को प्राचीन सभ्यताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं।
- भाषा और लिपि का अध्ययन: अभिलेखों के माध्यम से हम प्राचीन भाषाओं और लिपियों के विकास का अध्ययन कर सकते हैं।
- सांस्कृतिक विरासत: अभिलेख हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हमें अपने पूर्वजों की उपलब्धियों और ज्ञान के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
उदाहरण:
- सम्राट अशोक के शिलालेख
- स्तंभ लेख
- ताम्रपत्र
- सिक्के
- गुफा चित्र
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निष्कर्ष:
अभिलेख इतिहास के अमूल्य स्रोत हैं जो हमें प्राचीन काल के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। इनके माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को समझ सकते हैं और अपने पूर्वजों की उपलब्धियों से प्रेरणा ले सकते हैं।