संसद किसे कहते हैं

संसद: लोकतंत्र का स्तंभ

संसद एक विधायी निकाय है जो किसी देश के कानूनों को बनाता और उनमें बदलाव लाता है। यह देश के नागरिकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से बना होता है। भारत में, संसद को भारतीय संसद कहा जाता है।

भारतीय संसद में तीन सदन होते हैं:

  • लोकसभा: यह सदन सीधे जनता द्वारा चुने गए सदस्यों से बना होता है। लोकसभा में कुल 543 सदस्य होते हैं, जिनमें से 543 लोकसभा क्षेत्रों से चुने जाते हैं और 2 एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
  • राज्य सभा: यह सदन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चुने गए सदस्यों से बना होता है। राज्य सभा में कुल 250 सदस्य होते हैं, जिनमें से 233 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं और 17 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
  • राष्ट्रपति: राष्ट्रपति संसद का तीसरा सदन होता है, लेकिन उसकी भूमिका मुख्य रूप से औपचारिक होती है। राष्ट्रपति के पास कानूनों को वीटो करने की शक्ति होती है, लेकिन यह शक्ति शायद ही कभी इस्तेमाल की जाती है।

संसद के कार्य:

  • कानून बनाना और उनमें बदलाव लाना
  • सरकार की नीतियों पर बहस करना और उनका मूल्यांकन करना
  • सरकार पर नज़र रखना और उसे जवाबदेह बनाना
  • देश की वित्तीय स्थिति पर नज़र रखना और बजट को मंजूरी देना
  • राष्ट्रपति का चुनाव करना
  • उपराष्ट्रपति का चुनाव करना
  • न्यायाधीशों का चुनाव करना

संसद का महत्व:

  • संसद लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह देश के नागरिकों को अपनी आवाज़ उठाने और सरकार को जवाबदेह बनाने का मंच प्रदान करता है।
  • संसद कानून बनाकर और सरकार की नीतियों पर बहस करके देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • संसद देश की वित्तीय स्थिति पर नज़र रखकर और बजट को मंजूरी देकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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निष्कर्ष:

संसद एक महत्वपूर्ण संस्था है जो लोकतंत्र को मजबूत बनाने और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।