जानिए! गौरैया के बारे में सब कुछ

गौरैया – About Sparrow In Hindi

गौरैया एक छोटी, भूरे रंग की चिड़िया है जो दुनिया भर में पाई जाती है। यह एक सामाजिक पक्षी है जो अक्सर झुंड में रहता है। गौरैया की आवाज़ बहुत ही मधुर होती है। यह एक बहुत ही उपयोगी पक्षी है क्योंकि यह कीटों को खाती है, जिससे फसलों को नुकसान से बचाती है।

गौरैया एक छोटा, भूरा-सफेद रंग का पक्षी है जो दुनिया भर में पाया जाता है। यह पक्षी अपने मधुर स्वर और मिलनसार स्वभाव के लिए जाना जाता है। गौरैया एक सामाजिक पक्षी है और आमतौर पर झुंडों में रहती है। यह पक्षी अनाज, कीड़े और अन्य छोटे जानवरों को खाता है।

गौरैया का वैज्ञानिक नाम Passer domesticus है। यह पक्षी पासेरिडाए परिवार का सदस्य है। गौरैया की लंबाई लगभग 15 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 25 ग्राम होता है। गौरैया का शरीर भूरे रंग का होता है। इसके पेट और गले का रंग सफेद होता है। इसके सिर के दोनों ओर काले रंग के धब्बे होते हैं।

गौरैया एक प्रवासी पक्षी नहीं है। यह पक्षी साल भर एक ही जगह पर रहता है। गौरैया की प्रजनन अवधि मार्च से जून तक होती है। इस अवधि में यह पक्षी एक बार में 4 से 6 अंडे देती है। अंडे लगभग 12 दिनों में फूट जाते हैं।

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गौरैया एक उपयोगी पक्षी है। यह कीटों को खाकर हमारे खेतों को कीटों से बचाता है। यह पक्षी हमारे मन को प्रसन्न भी करता है। गौरैया का स्वर बहुत ही मधुर होता है।

हाल के वर्षों में गौरैया की संख्या में कमी आई है। इसके पीछे कई कारण हैं। इनमें प्रदूषण, शहरीकरण और कीटनाशकों का उपयोग शामिल है। हमें गौरैया की सुरक्षा के लिए प्रयास करने चाहिए। हम अपने घरों में गौरैया के लिए घोंसला बनाकर उनकी मदद कर सकते हैं।

 

गौरैया की विशेषताएं

गौरैया की लंबाई लगभग 15 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 25 ग्राम होता है। इसके पंख भूरे रंग के होते हैं जिन पर सफेद धब्बे होते हैं। इसका सिर भूरा होता है और इसके गालों पर काले धब्बे होते हैं। इसके पैर और चोंच पीले रंग के होते हैं।

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गौरैया का प्रजनन

गौरैया का प्रजनन काल मार्च से अगस्त तक होता है। यह एक बार में 4 से 6 अंडे देती है। अंडे 12 से 14 दिनों में फूटते हैं। बच्चे 3 से 4 सप्ताह में उड़ना सीख जाते हैं।

गौरैया का आहार

गौरैया का मुख्य आहार कीड़े-मकोड़े होते हैं। यह अनाज, बीज और फलों को भी खाती है।

गौरैया का महत्व

गौरैया एक बहुत ही उपयोगी पक्षी है। यह कीटों को खाती है, जिससे फसलों को नुकसान से बचाती है। यह एक सामाजिक पक्षी है जो खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।

गौरैया की घटती संख्या

पिछले कुछ दशकों में गौरैया की संख्या में तेजी से कमी आई है। इसके कई कारण हैं, जैसे शहरीकरण, प्रदूषण, और कीटनाशकों का उपयोग। गौरैया की घटती संख्या पर्यावरण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

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गौरैया की संख्या बढ़ाने के लिए उपाय

गौरैया की संख्या बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे:

  • शहरों में पक्षियों के लिए रहने की जगह बनाना।
  • कीटनाशकों का उपयोग कम करना।
  • गौरैया के लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराना।

हम सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए कि गौरैया जैसी उपयोगी पक्षियों की संख्या को बढ़ाया जाए।