समस्थानिक किसे कहते हैं

समस्थानिक क्या हैं?

समस्थानिक एक ही तत्व के वे परमाणु होते हैं जिनके प्रोटॉन की संख्या समान होती है, परन्तु न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है। दूसरे शब्दों में, समस्थानिक एक ही तत्व के वे रूप होते हैं जिनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न होते हैं।

समस्थानिक के प्रकार:

  • प्रोटियम: हाइड्रोजन का सबसे हल्का समस्थानिक, जिसमें 1 प्रोटॉन और 0 न्यूट्रॉन होते हैं।
  • ड्यूटेरियम: हाइड्रोजन का दूसरा समस्थानिक, जिसमें 1 प्रोटॉन और 1 न्यूट्रॉन होते हैं।
  • ट्रिटियम: हाइड्रोजन का तीसरा समस्थानिक, जिसमें 1 प्रोटॉन और 2 न्यूट्रॉन होते हैं।
  • कार्बन-12: कार्बन का सबसे आम समस्थानिक, जिसमें 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं।
  • कार्बन-13: कार्बन का दूसरा समस्थानिक, जिसमें 6 प्रोटॉन और 7 न्यूट्रॉन होते हैं।
  • यूरेनियम-235: यूरेनियम का एक समस्थानिक, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा में किया जाता है।

समस्थानिक के गुण:

  • समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान होते हैं, क्योंकि उनके प्रोटॉन की संख्या समान होती है।
  • समस्थानिकों के भौतिक गुण भिन्न होते हैं, क्योंकि उनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न होते हैं।
  • समस्थानिकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे चिकित्सा, विज्ञान और उद्योग।

समस्थानिकों के उदाहरण:

  • हाइड्रोजन: प्रोटियम, ड्यूटेरियम, ट्रिटियम
  • कार्बन: कार्बन-12, कार्बन-13, कार्बन-14
  • ऑक्सीजन: ऑक्सीजन-16, ऑक्सीजन-17, ऑक्सीजन-18
  • यूरेनियम: यूरेनियम-235, यूरेनियम-238

समस्थानिकों का महत्व:

  • समस्थानिकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे चिकित्सा, विज्ञान और उद्योग।
  • समस्थानिकों का उपयोग करके वैज्ञानिक विभिन्न चीजों का अध्ययन करते हैं, जैसे कि जलवायु परिवर्तन और जीवाश्मों की आयु।
  • समस्थानिकों का उपयोग करके चिकित्सक विभिन्न रोगों का निदान और उपचार करते हैं।

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निष्कर्ष:

समस्थानिक एक ही तत्व के वे रूप होते हैं जिनके परमाणु द्रव्यमान भिन्न होते हैं। समस्थानिकों के विभिन्न गुण और उपयोग होते हैं। समस्थानिकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे चिकित्सा, विज्ञान और उद्योग।