जानिए! गिद्ध के बारे में सब कुछ

गिद्ध – About Vulture In Hindi

गिद्ध मुर्दाखोर पक्षी हैं जो मृत जानवरों के मांस खाते हैं। वे दुनिया भर में पाए जाते हैं, लेकिन सबसे अधिक संख्या में अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। गिद्धों की कई प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ बहुत बड़ी होती हैं। उदाहरण के लिए, एंडियन कोंडोर दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है।

गिद्धों के कई महत्वपूर्ण कार्य हैं। सबसे पहले, वे मृत जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं। यदि मृत जानवरों को न खाया जाए, तो वे बीमारी फैला सकते हैं। दूसरा, गिद्ध जानवरों के बीमार या घायल होने के संकेत दे सकते हैं। जब गिद्ध एक मृत जानवर के आसपास मंडराते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि जानवर बीमार या घायल है।

हाल के वर्षों में, गिद्धों की आबादी में गिरावट आई है। इसका एक कारण दवाओं के अवशेषों से होने वाला प्रदूषण है। गिद्ध इन दवाओं को मृत जानवरों के मांस में खा सकते हैं, जिससे उनके गुर्दे और यकृत को नुकसान हो सकता है। अन्य कारणों में शिकार और आवास की कमी शामिल है।

गिद्ध महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं। उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। भारत में, गिद्धों की सुरक्षा के लिए कई कानून और कार्यक्रम लागू किए गए हैं।

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गिद्धों की कुछ दिलचस्प विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • गिद्धों की उत्कृष्ट दृष्टि होती है जो उन्हें दूर से ही मृत जानवरों को देख सकती है।
  • गिद्धों के पास एक मजबूत और धारदार चोंच होती है जो उन्हें मांस को काटने और फाड़ने में मदद करती है।
  • गिद्धों के पास एक मजबूत और लचीला गला होता है जो उन्हें बड़े टुकड़ों को निगलने की अनुमति देता है।

गिद्ध के शरीर की बनावट उन्हें मुर्दाखोरी के लिए अनुकूल बनाती है। उनके सिर और गर्दन के बाल छोटे होते हैं, जिससे उन्हें शव के मांस को खाते समय कोई परेशानी नहीं होती है। उनके नाखून बड़े और मजबूत होते हैं, जिससे वे शव के मांस को फाड़कर खा सकते हैं। उनके पेट में मजबूत एसिड होता है, जो शव में मौजूद विषाणुओं और बैक्टीरिया को मारने में सक्षम होता है।

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गिद्ध प्राकृतिक पर्यावरण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मृत जानवरों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं। इससे अन्य जानवरों को बीमारियों से बचाव मिलता है। गिद्ध के प्रजनन के लिए ऊँचे स्थानों की आवश्यकता होती है। वे पहाड़ों, चट्टानों और पेड़ों की चोटियों पर घोंसला बनाते हैं। गिद्ध के अंडे बहुत बड़े होते हैं। एक मादा गिद्ध एक बार में दो से तीन अंडे देती है। अंडे से बच्चे निकलने में लगभग 50 दिन लगते हैं। बच्चे अंडे से निकलने के बाद लगभग दो साल तक माता-पिता के साथ रहते हैं।

गिद्ध पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।