अकेले हैं, तन्हा हैं,
खुद को खो रहे हैं,
दिल उदास है, मन बेचैन है,
मूड ऑफ है, तुमसे दूर हैं।
खोये हुए हैं, भटक रहे हैं,
खुद को पहचान नहीं रहे हैं,
कोई तो जरूरत है, कोई तो बस याद है,
मूड ऑफ है, तुम्हारी ख्वाहिशों से दूर हैं।
कभी तो समझो, कभी तो जानो,
हम भी अपने हैं, ज़रा सोचो,
तन्हाई में बहुत रोते हैं,
मूड ऑफ है, अब खुद को समझा लो।
प्यार करने वाले खुश होते हैं,
दिल की बातें बोलते हैं,
फिर भी अकेला महसूस होता है,
मूड ऑफ है, आज खुद को छोड़ दो।
ये तन्हाई का इलाज नहीं मिलेगा,
मन का दर्द तुम्हें कोई समझेगा,
पर जब तक खुद को पहचान नहीं लेते,
मूड ऑफ है, तब तक इस दर्द का इलाज नहीं मिलेगा।
ये मूड ऑफ है, ये खुशियों का दौर है,
जब तक नहीं मिलेगी तुम्हें मुस्कान है,
पर जब खुद को खोजोगे, खुद को पहचानोगे,
फिर ये मूड ऑफ है, फिर से खुशियों का सफर है।
ये मौसम भी है रूठा,
मेरी ख्वाहिशें भी हैं टूटी,
हर दिल का है मंदग़रा,
और मेरा दिल भी है भूखा।
आंसू का है ये मेला,
जीने की राह में अकेला,
हर दिन एक नया सवेरा,
पर मेरी रातें हैं अधूरी।
ज़िन्दगी की है ये छलांगें,
मेरे जज्बात हैं अनलियां,
ढ़ालता है ये दर्द का समंदर,
मेरी खुशियों के हैं रिश्तेदार।
ख्वाहिशें हैं जड़ी ज़मीं पर,
हकीकत में मेरी असाधारण,
ये बारिश है मेरे दिल की,
मेरा मन है थका-थका।
मेरी ज़िन्दगी है एक खोयी हुई,
हर दिन एक नया सवाल ज़रूरी,
आँखों की है ये धूंधली सी रौशनी,
मेरी ख्वाहिशों की है इधर उम्मीदी।
मुझे नहीं मिलता ये सुख-दुख का अहसास,
हर रोज़ चलता हूँ मैं अकेले-अकेले,
दिल में है ये अजनबी चाहत का निशान,
मेरी ज़िन्दगी है ये बेवजह उड़ेले।