जानिए! ज्वालामुखी किसे कहते हैं

ज्वालामुखी किसे कहते हैं ! jwalamukhi kise kahate hain ! what is jwalamukhi hain hindi

ज्वालामुखी एक प्रकार का ज्वालावृत्त होता है जो पृथ्वी की गहराई से ऊपर फुटता है और लवा, गैस और अन्य तत्वों को उछालता है। ज्वालामुखी उच्च तापमान, अधिक दाब और उच्च विस्फोटक गति के कारण अत्यधिक खतरनाक होते हैं और इससे अनेक लोगों की मौत और नुकसान होता है।

ज्वालामुखी के प्रकार विभिन्न होते हैं जैसे कि शीत ज्वालामुखी, अंडमान ज्वालामुखी, प्रशांत महासागर की ज्वालामुखी, रीती ज्वालामुखी आदि।

ज्वालामुखी की उत्पत्ति धातु, अवशेष, और मैगमा के मिश्रण से होती है। जब इस मिश्रण को उच्च तापमान और अधिक दाब के साथ पिघलना होता है, तो लवा, गैस और अन्य तत्व उछालते हुए ज्वालामुखी के मुख से बाहर निकलते हैं।ज्वालामुखी किसे कहते हैं ! Jwalamukhi kise kahate hain

ज्वालामुखी एक प्रकार का प्राकृतिक विस्फोटक है जो पृथ्वी की गहराई से उठता है। इसे वोल्केनो भी कहा जाता है। ज्वालामुखी आमतौर पर उष्मागत गैस तथा उष्मागत पानी के फोटोक्लैव द्वारा होता है। इसके प्रकार व आकार भिन्न-भिन्न होते हैं और इसका असर भूमि के अनुरूप होता है। ज्वालामुखियाँ आमतौर पर समुद्री तटों या समुद्री पार्श्वभूमि के कचरे पर बनती हैं। इनकी ऊंचाई अलग-अलग होती है और इससे निकलने वाला लावा तथा धूम भी अलग-अलग होती है।

ज्वालामुखियों के विस्फोट के कारण प्राकृतिक वातावरण में बदलाव होते हैं। इनमें उठने वाली धूम सामान्यतया अनेक प्रकार के वायु तत्वों से मिलकर बनती है जो अत्यधिक अस्थिर होते हैं तथा समुद्री जीवन के लिए ज्यादा प्रभावी नहीं होते हैं।

ज्वालामुखी 10 तथ्य
  1. ज्वालामुखी एक उच्च तापमान वाला प्राकृतिक घटना है जो धरती के मौजूदा उद्देश्यों को नष्ट करता है।
  2. ज्वालामुखी का उद्भव धातुओं के आधार पर होता है, जिन्हें मशीनों द्वारा उच्च दबाव में गैस या पानी के साथ विलय किया जाता है।
  3. ज्वालामुखी से निकलने वाले धुंआँ, गैस और पानी के दायरे को मगमा कहा जाता है।
  4. ज्वालामुखी के उच्च तापमान के कारण, इससे निकलने वाले गैस और धुंआँ में विभिन्न धातुओं के रासायनिक तत्व होते हैं।
  5. ज्वालामुखी से निकलने वाले धुंआँ, गैस और पानी के बारे में जानकारी हमें धरती की अंदरूनी संरचनाओं के बारे में बताती है।
  6. ज्वालामुखी से निकलने वाले धुंआँ और गैस वातावरण पर भी असर डालते हैं।
  7. ज्वालामुखी के अंदर चिकनी धातु बहुत उच्च तापमान पर पिघलती है, जो सीमांत और अलगाव का कारण बनती है।
  8. ज्वालामुखी एक प्रकार का आग फूटने वाला प्राकृतिक दुर्घटना होता है जो धमाकों, गर्म गैसों और लाव के फेंकने के साथ साथ आमतौर पर वहाँ के पर्वतीय क्षेत्रों में होता है।
  9. ज्वालामुखी से निकलने वाली लाव कई किलोमीटर तक फैल सकती है और इसके कारण आसपास के स्थानों के लिए खतरा होता है।
  10. ज्वालामुखी गरम गैस का फेंकती है जो आसमान में जा सकती है और जब यह वर्षा के साथ जमा होती है, तो यह अम्लीय पानी बन जाती है।
  11. ज्वालामुखी से निकलने वाली धुंएं और गैस आस्था और वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं और इससे फसलों, पशुओं और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर असर होता है।
  12. ज्वालामुखी धमाके के बाद आवासीय इलाकों को तबाह कर सकती है और अस्थायी या स्थायी रूप से लोगों को बेघर कर सकती है।
  13. ज्वालामुखी की उत्पत्ति के पीछे अक्सर भूमिका नाटकीय होती है जो धरती के तंत्र के अंदर चलती है।
  14. ज्वालामुखी एक ऐसा स्थान होता है जहां पृथ्वी के भीतर से मग्मा, गैस और धूम्रपान जैसी तत्वों का उछाल होता है।
  15. ज्वालामुखी के जलने से प्रकट होने वाली गैसें, जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मिथेन, हाइड्रोजन आदि, पर्यावरण और जीव जंतुओं के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
  16. ज्वालामुखी वास्तव में दो अलग-अलग तरह के जलने वाले प्रणालियों से मिलकर बना होता है: एक होती है जो फेल जलावट होते हुए घाटी में बनती है और दूसरी जो समुद्र के निकट होती हुई मैंटल से उठती है।
  17. ज्वालामुखी उत्पन्न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तटीय झुकाव, दो तलवारों का भिन्न होना, विस्फोट, भूकंप आदि।
  18. ज्वालामुखी के ऊपर से फेंके जाने वाले पत्थर, लावा और अन्य तत्व उसके जीवित वर्ग के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
  19. ज्वालामुखी अनुमानित तापमान 700 से 1,300 सेंटीग्रेड तक हो सकता है।
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ज्वालामुखी (Volcano) एक प्राकृतिक प्रकोप होता है जो पृथ्वी के अंदर से निकलता है और लाव, धूम, गैस और अन्य पदार्थों को उछालता है। यह धातुओं, रेत, और अन्य ऊपरी आवरण के साथ-साथ भूमि का सबसे गहरा भाग भी उखड़ा सकता है। ज्वालामुखी से निकलने वाली धूम, लाव और अन्य धातु आकार में बदल जाते हैं और अक्सर आसपास के क्षेत्रों को बाढ़, भूकंप और अन्य प्रभावों से प्रभावित करते हैं। ज्वालामुखी अन्तरिक्ष और पृथ्वी के तापमान में बदलाव का कारण भी बनते हैं।