तन्हाई में बैठे रोते हैं हम,
दर्द भरी शायरी सुनाते हैं हम।
दिल के जख्मों को बयां करते हैं,
आंखों से आंसू बहाते हैं हम।
दर्द के रास्ते पर चलते चलते,
हर रोज़ अपनी ज़िन्दगी जलाते हैं।
इश्क़ की मोहब्बत ने तोड़ दिया है,
दिल को एक अधूरी कहानी बनाते हैं हम।
तूने छोड़ा है इतना दर्द दिल में,
हर साँस में तेरी यादों को भरते हैं।
जीने का एहसास खो दिया है,
खुद को तनहा महसूस करते हैं हम।
अजनबी राहों पर चलते चलते,
दर्द की दुनिया में खो जाते हैं।
अधूरी ख्वाहिशों के संग बसे हैं हम,
दर्द भरी शायरी बनाते हैं हम।
ज़िंदगी के सफ़र में दर्द मिलता है,
हर रोज़ नया दर्द सहते हैं हम।
पर हर दर्द को शायरी में बयां करके,
दिल को थोड़ा सुकून मिलता है हमें।
दर्द भरी शायरी:
आँखों में छुपे अश्कों की तलाश है,
दिल में छुपी तन्हाई की प्यास है।
ज़िन्दगी ने दिया है सबको दर्द भरा सिलसिला,
हर रास्ते पर बस गहरा आह भरा है।
दर्द की बूँदें चिढ़ा रही हैं रूह को,
बिखरी हुई ख्वाहिशों को संभाल रही हैं।
हर साँस में बस दर्द का एहसास है,
दिल बेचान सा बस बेकरार रही है।
बहुत तोड़े हैं दिलों को ख़ुदा ने,
कुछ अपनों ने दिल में चोटें भरी हैं।
ये ज़िंदगी का मेला है बेदर्दी का,
हर किसी के दिल में कंधे छिड़ी हैं।
ज़रूरत थी मुझे दर्द की समझने की,
ज़िंदगी ने दिया है अब खुद को बेचने की।
हर दर्द की गहराइयों में बस ख़ुशी छुपी है,
दर्द भरी ये ज़िंदगी मुझसे मुस्कराने की।
दर्द भरी शायरी लिखते-लिखते ये रातें बिताई हैं,
हर शब्द में मेरी तन्हाई की वजह छुपाई हैं।
मेरी आँखों में समाए ज़िंदगी के गम हैं,
दर्द भरी शायरी ने मेरा दिल जलाई है
दर्द भरी शायरी:
ज़िन्दगी की राहों में चलते चलते,
दर्द के रास्ते भी हमें पास लाती है।
कितना भी मुस्कराएँ हम बाहर से,
अंदर का दर्द दुखाती है ज़िन्दगी।
आँखों में नमी चलक जाती है,
दिल में दर्द छिपा जाती है।
हंसते हुए भी लगता है दर्द कहीं,
आँखों से बह जाती है आंसूओं की नदी।
तेरे जाने से दर्द इतना बढ़ गया है,
मोहब्बत का गम मुझे सता गया है।
तेरे बिना जीने की अदा गई है मुझसे,
दर्द की राहों में खुद को खो गया है।
दर्द भरी रातें बिता रहा हूँ,
तेरी यादों के सहारे जी रहा हूँ।
जब भी आंखें बंद करता हूँ मैं,
दर्द की लहरें मुझे बहा रही हैं।
इश्क़ के गमों का सफर है ये दिल,
आहें भरता हूँ, बस यूँही सिल-सिला।
जिस्म मेरा तो जल रहा है दर्द से,
मेरी रूह भी आगों में जली जाती है।