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फ़सल [Crop Hindi]
आज आप फसल और उनके संबंधित जानकारी यहां पाएंगे । आपको इस पोस्ट के कई अलग अलग लाभ मिलेंगे । हम आपके लिए भारतीय फसलें तथा उनका वर्गीकरण भी साथ में बताएंगे ।
मनुष्य समय अनुसार जब किसी समय काल में प्रकृति में पेड़ झाड़ी या पौधे या वृक्षों के पालन, उगाई, या अन्य पैदावार संबंधित कार्य किए जाते है, फलस के अंतर्गत आते है । हर तरह की फसल आपके अलग नियम एवं अनुसरण से उपज देती है । जैसे गेहूं की फसल 4 महीने में, गन्ने की फसल 12 महीने में उपज देती है ।
इसे अलावा भी सभी फसल अलग अलग चक्र तैयार करते है । मनुष्यों द्वारा ये सभी फसल उपज हेतु समय चक्र का निर्धारण कर लिया गया है, एवं उचित समय आने पर वह इनकी उपज हेतु अपने खेत को तैयार करके रखता है ।
भारत की फसलें तथा वर्गीकरण
हमारे भारत में अलग अलग तर्क के अनुसार फसलों का वर्णीकरण को हम नीचे दे रहे;
जीवनचक्र या जीवन काल के अंतर्गत
एकवर्षीय फसलें – कपास, सरसो, गेंहू, चना, सोयाबीन, आलू, मूँगफली, धान,
द्विवर्षीय फसलें – प्याज, चुकन्दर,
बहुवर्षीय फसलें – फलवाली फसलें, नेपियर घास, रिजका,
ऋतु पर आधारित
खरीफ फसलें – सोयाबीन, अरहर, बाजरा, मूंगफली,कपास, मक्का, जुट, गन्ना, भिंडी
रबी फसलें – चना, गेहूँ, जौं, मसूर, तंबाकू, सरसों, मटर, हरे चारे, आलू,
जायद फसलें – मिर्च, खीरा, कद्दू, खरबूजा, लौकी, तोरई, मूँग, टमाटर, सूरजमुखी, तरबूज
आपने यह पोस्ट को पढ़ा आपको अवश्य ही कुछ न कुछ फसलों के संबंध में जानकारी मिली होगी । तो आप कॉमेंट करेंगे, तो हमे अच्छा लगेगा । एवं नीचे हम शेयर बटन दे रहे है आप व्हाट्स ऐप एवं फेसबुक जैसे मध्यम से शेयर अवश्य करें ।