कंप्यूटर की परिभाषा क्या है

कंप्यूटर की परिभाषा क्या है – Computer ki paribhasha kya hai

Computer ki paribhasha kya hai? ऐसे कई सारे सवाल लोग इंटरनेट एवं अन्य जगहों जैसे यूट्यूब चैनल के माध्यम से पहुंच कर पढ़ते हैं। कंप्यूटर दैनिक जीवन की जरूरत से हमारी जिंदगी का इस अहम हिस्सा बन गया है। उसके उपयोग के बिना अधूरी सी रह जाती है हमारी जिंदगी। तो आज हम इसी कंप्यूटर के बारे में जानेंगे और पढ़ेंगे।

कंप्यूटर की परिभाषा हिंदी में!

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे हम कई कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं। हिंदी में बताए की गणक या संगणक भी बोलते है। इसकी गणना काल बहुत सरल एवं आसन है इसके लिए यह काफी अच्छी गति प्रदान करने में सक्षम है। चुकी इसका नाम अंग्रेजी के एक शब्द compute बना हुआ हैं जिसका मतलब अर्थ गणना करना हैं।

इसका इस्तेमाल अपने क्षेत्र की आसानी प्रदान करता है । इस पर कार्य को सरल किया जाता हैं। इनपुट डिवाइस से इसमें संदेश भेजे जाते हैं। एवं आउटपुट से इसके संदेशों को प्राप्त किए जाते हैं। सीपीयू में सभी क्रियाएं कार्य संपन्न होती हैं। निर्देश या सूचनाओं को मॉनिटर पर व्यक्त करते है, जो आउटपुट डिवाइस हैं।

 

अब सवाल यह है की इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस, या प्रोसेस क्या है। तो घबराने की जरूरत नही ! नीचे वे सभी तथ्य आ रहे हैं।

इनपुट डिवाइस (Input Device) – निर्देश सूचना या अपने द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों को इस इनपुट डिवाइस की मदद से ही कंप्यूटर में उतारा जाता हैं। जिससे की कंप्यूटर इस पर अपने गणना एवं अन्य स्रोतों से जानकारी इक्कठा करके आउटपुट प्रदान कर पाएं।

प्रोसेस (Process) – अपने अंदर मौजूद कुछ सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर की मदद लेकर जब निर्देशों के अपने क्रिया करते हुए cpu पाने कार्य कर कर रहा होता है, वह प्रोसेस (Process) हैं।

आउटपुट डिवाइस (Output Device) – जब भी हमरे द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर पढ़ लेता है फिर वह उसके तरफ से रिजल्ट देने के लिए तैयार रहा है तो उन रिजल्ट के जिस डिवाइस पर दिखाया या प्राप्त किया जाता है वह आउटपुट डिवाइस हैं ।

कंप्यूटर में मौजूद दो प्रमुख बुनियादी घटकों

हार्डवेयर (Hardware) – हमरे निर्देश जा हम कीवर्ड से कंप्यूटर के अंदर फिट करते तो वह करिए जब भी संपन्न होती है तो वह किसी न किसी भौतिक उपकरण में यानी जिसे हम छू सके ऐसे डिवाइस में होती है। उस भौतिक डिवाइस को हार्डवेयर वाला भाग कहते है। इसे जब छूने की बात की है तो एक दिमाग कई कई उपकरण को कंप्यूटर के लगाते है उनकी छवि आ रही होगी जैसे हार्ड ड्राइव, माउस, सीपीयू, कीबोर्ड, स्क्रीन इत्यादि तो आप सभी महसूस कर रहे है। या सभी हार्डवेयर के भी भाग हैं, जिन्हे कंप्यूटर में लगाया गया है।

सॉफ्टवेयर (Software) – आपको बता दें की ऊपर जी हमने हार्डवेयर उपकरण पढ़े उनका कोई अस्तित्व नही है यदि सॉफ्टवेयर न हो। सॉफ्टवेयर के हम न ही देख सकते है और न ही छू सकते। उसे तो सिर्फ हार्डवेयर उपकरण पर रन किया जा सकता हैं। हमरे द्वारा दिया गए निर्देशों को सॉफ्टवेयर ही हार्डवेयर तह पहुंचता है एवं आगे की क्रियाएं इसी के अंतर्गत होती है। सॉफ्टवेयर के तहत ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन आते हैं। आपको बता दें की कंप्यूटर को सुचारू रूप से कार्य सिद्ध करने हेतु हार्डवेयर की जितनी जरूरत है उतनी है सॉफ्टवेयर की भी जरूरत होती हैं।

कंप्यूटर के प्रकार Types of computer

दोस्तों इतिहास में प्राचीन समय से कई अलग अलग प्रकार के कंप्यूटर को लाया गया है और समय समय पर अपडेट करके उन्हे नए स्वरूप में ढाला गया है। हम इन्हें कार्य करने की पद्धति या प्रणाली के अनुसार कंप्यूटर को नीचे दिया अनुसार तीन प्रकारों में बांटा गया है –

1.एनालॉग कंप्यूटर
2.डिजिटल कंप्यूटर
3.हाइब्रिड कंप्यूटर

1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer) – पुराने समय से ही भौतिकी के मात्रकों के मापन में उपयोग में लाए जाते है। एनालॉग कंप्यूटर कहलाते हैं। तापमान, दाब, ऊंचाई, लंबाई जैसे उपक्रम की परिमाप निकलने हेतु ऐसे एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer) के इस्तेमाल किया जाते हैं। एनालॉग कंप्यूटर विज्ञान एवं कई अन्य तकनीकों के हिसाब में बहुत ज्यादा क्षेत्र में अपनाते हैं। भौतिक विज्ञान की दशा में इसके फैलाव अधिक हैं।

2. डिजिटल कंप्यूटर (Digital computer) – ऐसे अंकों के गणनाओं हेतु डिजिटल तकनीक से बने कंप्यूटर का ही इस्तेमाल होता हैं। यकं मुख्य रूप से इनपुट और आउटपुट प्रदान करके अपनी क्रियाओं को समापन करे वह डिजिटल कंप्यूटर हैं। मशीनी भाषा या Binary Code (0, 1) के इस्तमाल इन्ही सब कंप्यूटर के प्रमुख भाषा हैं। आज कल सबसे अधिक डिजिटल कंप्यूटर के ही ज्यादा चलन एवं उपयोग हैं। डिजिटल कंप्यूटर के उपयोग ऑफिस, कॉलेज, स्कूल, दुकान, रेलवे, बैंक इत्यादि जैसे स्थानों या कार्य क्षेत्रों में इनके इस्तेमाल प्रमुख हैं। डेस्कटॉप, लैपटॉप, मोबाइल, डिजिटल घड़ी जैसे Digital computer’s के उदहारण हैं।

3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid computer) – ऊपर बताए दोनों प्रकार के एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर की दोनों विशेषताएं हाइब्रिड कंप्यूटर में होती है। Hybrid computer अंको की गणना में इतने अधिक फास्ट है एवं आपको बता दें की ये मापन में भी सक्षम हैं। उदाहरण के तहत 1) जब आप कही अस्पताल में जाए तो वहां पर लगा हुआ कंप्यूटर हाइब्रिड कंप्यूटर होता है, जिसके द्वारा किसी भी पेसेंट के तापमान, ब्लड प्रेशर, धड़कन इत्यादि को मापा जा सकता है, और अंकों के स्वरूप में दर्शाते हैं। 2) पेट्रोल पंप में लगी हुई डिवाइस या मशीन भी हाइब्रिड कंप्यूटर होती है, जो पेट्रोल की मात्रा मापने के अलावा मूल्य भाव को भी गणना करके अंकों में दर्शाती हैं।

कंप्यूटर का आविष्कार Computer ka Abishkar

एक ब्रिटिश गणितज्ञ द्वारा 19वी शताब्दी में आविष्कार किया वह वैज्ञानिक या अविष्कारक Charles Babbage था। आज की सभी में हम चार्ल्स बेबेज को कंप्यूटर का जनक (Father of Computer) भी कहा जाता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म अंग्रेजी इंग्लिश में अर्थ –

कंप्यूटर की साइपलिंग में आने वाले सभी केरेक्टर के अभी को अलग अलग अनुसार नीचे बताए गए –

C–Commonly , O–Operated , M–Machine , P–Particularly , U–Used For , T–Technical , E–Educational , R–Research .

कंप्यूटर की विशेषताएँ Computer ki visheshta

कंप्यूटर की विशेषताए क्या है? आज कंप्यूटर अपनी विशेषताओं के कारण ही मानव के अभिन्न अंग में से एक बन चुका है। मानव की जीवन श्रंखला कंप्यूटर के बिना अधूरी सीन दिखाई पड़ती है कई क्षेत्रों में कंप्यूटर विशेष रूप से कार्य कर रहा है। चाहे वह चिकित्सा के क्षेत्र की बात की जाए, चाहे कृषि के क्षेत्र की बात की जाए या फिर किसी भी अस्पताल या कोई गणना क्षेत्र में कंप्यूटर के इस्तेमाल की बात की जाए। हर जगह कंप्यूटर अपनी विशेषताओं को लिए हुए समाहित है आज हम कंप्यूटर की ऐसी कई विशेषताओं को इस के नीचे देखने वाले हैं –

1. बीना गलती के कार्य (Accuracy)

जैसे कि नाम से ही सिद्ध है कि गलती रहित कार्य त्रुटि रहित वर्क की विशेषता दोस्तों कंप्यूटर अपनी तेज गति के इसी के कारण बिल्कुल सटीकता से एवं बिना किसी गलती के हमें हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के परिणाम को बिल्कुल सही सही देता है। यह गुण इसका विशेष विशेषताओं में शामिल करता है। यदि मानव कोई गलती से गलत निर्देश दे ती वह गलत परिमाण दे सकता है लेकिन कंप्यूटर उसकी तरफ से किसी भी तरह के गलत रिजल्ट हमे नही देता हैं।

2. गति (Speed)

अपनी गति के लिए प्रचलित होकर आज के समय में यह सुपर कंप्यूटर के जमाने तक पहुंच चुका है। आज अपनी गति को कुछ ही सेकंड या और कहीं मिनी सेकंड में कई करोड़ों की गणना करने की क्षमता रखने वाला है। यह कंप्यूटर सबसे अधिक गतिशीलता से कार्य करने के लिए उत्सुक है। हम आपको बता दें की 1 सेकंड में करीब 1 मिलियन निर्देशों को प्रोसेस कर सकता है। यह सुनकर आप अपने आप में शामिल हैं।

3. विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity) 

अपने अंदर के अंतरिक भंडार (internal स्टोरेज)के साथ इसमें बाहरी भंडारण (external storege) क्षमता भी विद्यमान हैं। एवं यह बड़े से बड़े डाटा को अपनी उच्च गति एवं परिशुद्धता से इकठ्ठा करें में सक्षम हैं।

4. पुनरावृति (Repetition)

मानव द्वारा दिए गए निर्देशों को बार-बार कार्य कर विश्वसनीय एवं त्रुटि रहित कार्यों को तीव्रता के साथ प्रस्तुत करने के लिए एवं पुनरावृति करने में बहुत अहम उद्देश्य है

5. लगन (Diligence)

मनुष्य की बात की जाए तो यह है एक बार अपने काम को करके थक सकता है, या फिर कुछ समय बाद अपने मानवीय गुणों के कारण थकावट महसूस कर सकता है, लेकिन कंप्यूटर के साथ ऐसी बात नहीं है। कंप्यूटर बिना किसी आलस्य के पूरी लगन के साथ अपने कार्य को करने में सक्षम है। एवं मनुष्यों की तुलना में कई लाखों गुना अधिक गणनाओं को करने एवं परिशुद्धता के साथ परिणामों को प्रस्तुत करने के लिए यह विशेष गुण रखता है।

6. स्वचालन (Automation)

कंप्यूटर के अंदर मौजूद स्वचालित गुण या ऑटोमेटिक सिस्टम के कारण यह मानव द्वारा एक बार दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने कार्य को पुनरावृति कर पूरी लगन एवं मेहनत से शुद्ध परिणाम आपके लिए प्रस्तुत करता रहता है। और यह स्वचालन की क्रिया जब तक मानव ना चाहे वह संपन्न करते रहता है। यह गुण इसका विशेष गुण की श्रेणी में आता है।

7. विविधता (Versatility)

कंप्यूटर अपनी विविधता एवं विभिन्नता के गुण के कारण यह कई अलग-अलग कार्यों को एक साथ कर पाने में सक्षम है। रेलवे की बात करें तो उसमें कई अलग-अलग काम बैंक की बात करें, तो बैंक में अलग-अलग कार्य को एवं मौसम संबंधित कई घटनाओं के परिकलन के लिए यह अपने अलग अलग गुणों को अलग अलग कार्यों को एक साथ कुछ ही सेकंड में करने के लिए तैयार रहता है, यह इसका विशेष गुण है।

8. गोपनीयता (Secrecy)

यदि आपको बॉर्डर में किसी फाइल को तैयार करते हैं। और उसमें अपने द्वारा पासवर्ड लगा देते हैं, तो यह आपकी गोपनीयता को बनाए रखने में सक्षम रहता है। आपके द्वारा बनाए गए पासवर्ड के अलावा यह किसी अन्य से नहीं ओपन हो सकता यह पूरी तरह से आप की गोपनीयता को बनाए रखने में बहुत अच्छे से सक्षम है। एवं यह अपनी गतिशीलता एवं अपने ऑटोमेटिक गुण के कारण स्वचालित रूप से कई क्रियाओं को करते रहता है। और मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा सही परिणाम प्रदान करता है।

9. स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage Capacity)

कंप्यूटर के अंदर स्थाई भंडारण क्षमता होती है यह क्षमता कंप्यूटर के अंदर मौजूद किसी भी डाटा को यदि आपने उसके अंदर समाहित किया हुआ है तो उसे भूलने नहीं देती आप किसी भी समय उस डाटा को प्राप्त कर सकते हैं एवं उस स्टोरेज को आप कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं उसे पुनः प्राप्त करने के लिए आपको भंडारण क्षमता में जाकर अपने डाट को सिद्ध करना आवश्यक है।

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