एकाकी हुआ जब तू,
बहुत कुछ खो बैठा मैं।
मेरे जज्बातों का साथ छूट गया,
कई सपने टूट गया।
जहां ख़यालों का रंग था चमकता,
वहां अब अंधकार छाया।
मेरे दिल की आवाज़ों की जगह,
अब सिर्फ खामोशी बनी पाया।
अकेले होकर भी,
दिल के इशारों को समझता हूँ।
हर एक लम्हे को बहुत कुछ कहता हूँ।
Alone Shayari Hindi
अकेलेपन में भी,
तेरी यादों से रोशनी लाता हूँ।
कुछ खो दिया हो शायद,
पर खुद को खोने नहीं देता हूँ।
इस अकेलेपन की तरह,
मेरे शब्द भी तनहा हो गए हैं।
तू कहीं दूर हो जाये,
फिर भी तेरी ख्यालों में रहते हैं।
जब तन्हाई मेरे साथ होती है,
अकेलापन से अनजान होती है,
दिल में उठती हैं तन्हाई की आहटें,
मेरे अंदर एक अजनबी जगह होती है।
खुद को ढांढस बनाकर रखते हैं,
पर अपनी रौशनी से बचाकर रखते हैं,
ये दर्द और गम की कहानियाँ,
सिर्फ मेरे होंठों पर मुस्कान बनाकर रखते हैं।
अकेलापन जब साथ लेता है,
तो हर पल दिल को तड़पाता है,
दर्द और गम के संग संग बसे,
बहुत दूरी बसाता है।
किसी के साथ होने का एहसास नहीं,
मेरी जिंदगी तन्हाई में गुजरती है,
कुछ खो दिया हैं मैंने खुद को,
और अब सब कुछ खुद से पाने की कोशिश करती है।
तन्हाई भरी रातों में मेरी बातें,
जब दरिया बनकर बहती हैं,
किसी को समझने की जगह नहीं होती,
और खुद को ही समझाने की जरूरत होती है।
अकेलापन की रातों में जब अजनबी चाँद संग होता है,
अपने ख्वाबों की दुनिया में मैं खो जाता हूँ।
दर्द की अँधेरी रातों में जब अवाज़ नहीं होती,
खुद को अकेला महसूस करता हूँ, जब कोई नहीं होती।
दिल में छाया हुआ एक उदासी का मौसम है,
बिखरी हुई ख्वाहिशों की अधूरी कहानी है।
ये अकेलापन की रातें अजनबी सी लगती हैं,
कुछ खोने का इंतज़ार हर पल रहती है।
मैं खुद को ढालता हूँ अकेलापन में,
जैसे एक दरिया हो और मैं समंदर की तलाश में हूँ।
पर जब उस दरिया के किनारे खड़ा होता हूँ,
तब पता चलता है, अकेलापन की कीमत क्या होती है।